ताज़ा ख़बरें

“ब्रह्माकुमारीज की मुख्य प्रशासिका दादी रातनमोहिनी जी को दी श्रद्धांजली”

खास खबर

“ब्रह्माकुमारीज की मुख्य प्रशासिका दादी रातनमोहिनी जी को दी श्रद्धांजली”

खंडवा ।। 89 साल तक मानवता की सेवा में जुटी रहने वालीं दुनिया के सबसे बडे़ आध्यात्मिक संगठन ब्रह्माकुमारीज की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी 10 अप्रैल को पंचतत्व में विलीन हो गईं.
राजयेागिनी दादी रतनमोहिनी का 101 वर्ष की आयु मे 8 अप्रैल, को प्रातः 1:20 मिनट पर देवलोकगमन हो गया था. उनके अंतिम संस्कार में कई दशों के अनुयायी शामिल हुए, समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि दादी रतनमोहिनी अपने 11 वर्ष की उम्र में इस संस्थान के सम्पर्क में आयी थीं. तब से लेकर उन्होंने एक साधारण ब्रह्माकुमारीज से मुख्य प्रशासिका बनने तक का सफर तय किया था. चार साल पहले ही दादी को मुख्य प्रशासिका का दायित्व मिला था. इसके पहले भी वे युवा प्रभाग की अध्यक्षा के साथ ही ब्रह्माकुमारीज संस्थान में समर्पित होने वाली युवा बहनों के प्रशिक्षण का भी दायित्व संभाल रही थीं. इसके साथ ही उन्होंने देश ही नहीं दुनिया कई देशों में भ्रमण कर भारतीय संस्कृति और सभ्यता का बीज बोया है,सुनील जैन ने बताया कि दादीजी को भावभीनी श्रद्धांजली देने हेतु भाग्योदय भवन आनंद नगर खंडवा मे 17 अप्रेल सद्गुरुवार को सामूहिक श्रद्धांजली का कार्यक्रम रखा गया जिसमे शहर के गणमान्य नागरिकों के साथ साथ अत्यधिक संख्या मे संस्था के अनुयायी शामिल हुए, इस अवसर पर शहर के वरिष्ठ समाजसेवी विधायक प्रतिनिधि मुकेश तनवे, बिशप अगस्टिन, फादर जयंत एलिक्स, प्रतिष्ठित चिकित्सक डॉ शिवशंकर गुर्जर, पूर्व पार्षद संदेश गुप्ता, गायत्री परिवार के आनंदीलाल जी सोनी एवं टीम ने उपस्थित होकर श्रद्धासुमन अर्पित किए,
इस अवसर पर संस्था प्रभारी बीके शक्ति दीदी ने दादीजी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दादी रतनमोहिनी जी ने अपने जीवन के 89 साल का समर्पित जीवन इस संस्था को दिया, वे 11 वर्ष की आयु मे इस संस्था के लिए समर्पित हुई, दादी नारी सशक्तिकरण की साकार रूप थी, दादी इस संस्था की स्थापना से लेकर वटवृक्ष बनने की साक्षी रही है, उन्होंने 50 हजार ब्रह्माकुमारी पाठशाला संचालित की तथा 5500 सेवाकेन्द्र दादी के मार्गदर्शन मे संचालित रहे है, उन्होंने अपना पूरा जीवन युवा सशक्तिकरण, युवा जागृति में लगा दिया. युवाओं से विशेष प्रेम, स्नेह के चलते आपको सभी युवाओं की दादी कहकर पुकारते थे.
इस अवसर पर ओंकारेश्वर से बीके श्याम दीदी, हरसूद से बीके संतोष दीदी, पंधाना से बीके सुरेखा दीदी ने उपस्थित होकर दादी के साथ की अपनी स्मृतियों को सांझा किया,
सामूहिक श्रद्धांजली मे सभी ने संगठित रूप मे राजयोग द्वारा मौन श्रद्धांजली अर्पित करते हुए दादी जी के समक्ष पुष्पांजली अर्पित की,
आयोजन पश्चात सभी को दादीजी के निमित्त भोग प्रसादी का वितरण कराया गया

Show More
Back to top button
error: Content is protected !!